जयपुर कासं। राजस्थान मानवाधिकार आयोग ने आज एक चौंकाने वाला आदेश निकाला है, जिसमें सरकार को निर्देश दिया है कि लिव इन रिलेशनशिप पर रोक लगाई जाए क्योंकि यह समाज को विखंडित कर रहा है। राज्य मानवाधिकार आयोग के चैयरमेन जस्टिस प्रकाश टाटिया ने बहुचर्चित लिव इन रिलेशनशिप को रोकना बेहद जरूरी बताया है।।।।चैयरमेन टाटिया के साथ जस्टिस महेश्चचंद्र शर्मा की खण्डपीठ ने का एक प्रकार बताते हुए इस रिलेशन के लिए नया कानून बनाने या फिर घरेलू हिंसा अनुशंसा करते हए राज्य सरकार को कानून में बदलाव के लिए कहा है। आयोग ने कानून में बदलाव के लिए जरूरत पड़ने पर राज्य को केन्द्र सरकार से अनुरोध करने का भी आहवान किया है। आदेश में लिव इन रिलेशनशिप को पूरी तरह से खारिज करते हए इस रिश्ते में रहने वाली महिला के मानवाधिकारों का हनन बताया है। आयोग ने कहा कि आमजन रिलेशन इन द नेचर आफ मैरिज और लिव इन रिलेशनशिप में उसके बदले हेलमेट अंतर नही जानते। आयोग ने लिव इन रिलेशनशिप को रोकने आयोंगो और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से आगे आने का आहवान किया है।। आयोग ने कहा कि ये इन सभी का कर्तव्य है कि वे इस प्रवृति को स्थापित होने से रोकने का कार्य करे। आयोग ने अपने आदेश की प्रतिलिपी राज्य के मुख्य सचिव और गह विभाग के एसीएस को भेजकर पालना के निर्देश दिये गये है। आयोग ने अपने आदेश में कहा संविधान के अनुच्छेद 21 में किसी भी व्यक्ति को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार है.... अंतर नहीं जानते। आयोग ने के लिए राज्य सरकारों, विभिन्न
राजस्थान मानवाधिकार आयोग ने - आज एक चौंकाने वाला आदेश निकाला है, जिसमें सरकार को निर्देश दिया है कि लिव इन रिलेशनशिप पर रोक लगाई जाए